सिया शुरू दिन से ही देख रही थी ये सब नाटक , उसके सब्र का बांध टूट गया ! सिया शुरू दिन से ही देख रही थी ये सब नाटक , उसके सब्र का बांध टूट गया !
शिक्षा ये कतई नहीं सिखाती,कि हम अपने संस्कार भूल जाएं शिक्षा ये कतई नहीं सिखाती,कि हम अपने संस्कार भूल जाएं
बच्चों का दिल खुश करने का, और प्रेम की बरखा तो मां- बच्चों के बीच हरदम ही है।। बच्चों का दिल खुश करने का, और प्रेम की बरखा तो मां- बच्चों के बीच हरदम ही है।।
सब मुझे कोस रहे थे और मेरी जन्मदायिनी को गाली दे रहे थे । सब मुझे कोस रहे थे और मेरी जन्मदायिनी को गाली दे रहे थे ।
मुझे तो पता ही नहीं था कि आप इतनी बड़ी सासू भक्त हैं ? मुझे तो पता ही नहीं था कि आप इतनी बड़ी सासू भक्त हैं ?
और उस दिन से वो मेरे साथ एक एहसास बनकर मुझ में ही रही है और उस दिन से वो मेरे साथ एक एहसास बनकर मुझ में ही रही है